भारतीय क्रिकेट में कुछ खिलाड़ी आते हैं, खेलते हैं और चले जाते हैं—लेकिन कुछ अपनी जगह दिलों में हमेशा के लिए बना लेते हैं. सुरेश रैना उन्हीं दिग्गजों में से एक हैं. अपनी बेखौफ बल्लेबाजी, तेज-तर्रार फील्डिंग और विनम्र स्वभाव से उन्होंने करोड़ों फैन्स का दिल जीता. रैना की यात्रा सिर्फ रन और रिकॉर्ड की कहानी नहीं, बल्कि जुनून, मेहनत और कभी हार न मानने वाले रवैये की मिसाल है.
27 नवंबर 1986 को उत्तर प्रदेश में जन्मे सुरेश रैना बचपन से ही क्रिकेट के लिए समर्पित थे. बहुत छोटी उम्र में उन्होंने जूनियर स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली थी. घरेलू क्रिकेट में उनके प्रदर्शन ने उन्हें जल्दी ही भारतीय टीम का टिकट दिला दिया. उनकी बल्लेबाजी में एक खास ऊर्जा थी कम उम्र में ही मैच का दबाव झेलने की क्षमता, स्पिनर्स के खिलाफ आत्मविश्वास और तेजी से रन बनाने की कला.
टीम इंडिया के लिए रैना सिर्फ एक बल्लेबाज नहीं, बल्कि संकटमोचक थे. मिडिल ऑर्डर में उतरकर उन्होंने कई बार मुश्किल परिस्थितियों से टीम को बाहर निकाला.
इन खूबियों ने रैना को सफ़ेद गेंद क्रिकेट का अहम खिलाड़ी बना दिया. जरूरत पड़ने पर उन्होंने ऑफ-स्पिन भी डाली और बेहतरीन फील्डिंग के दम पर रन बचाए. वह मैदान पर हमेशा 100% देते थे चाहे बल्लेबाजी हो या फील्डिंग.
रैना ने इतिहास रचते हुए भारत के पहले ऐसे बल्लेबाज़ का खिताब हासिल किया जिन्होंने टेस्ट, ODI और T20—तीनों अंतरराष्ट्रीय फॉर्मेट में शतक जड़ा. यह रिकॉर्ड खुद दिखाता है कि रैना कितने बहुमुखी, संतुलित और बड़े मौकों के खिलाड़ी थे.
2011 के वर्ल्ड कप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी में रैना ने कई अहम अवसरों पर टीम को संभाला. वो ऐसे खिलाड़ी थे जो बड़े मंच पर और दबाव वाली परिस्थितियों में निडर होकर बल्लेबाज़ी करते थे. उनकी निडर गेम स्टाइल ने उन्हें भारत का टॉप क्लच मैच-विनर बनाया.
IPL ने सुरेश रैना को नई पहचान दी, “Mr. IPL”. चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलते हुए उन्होंने:
धोनी के नेतृत्व में रैना ‘चिन्ना थाला’ बन गए—चेन्नई का दिल, CSK का आत्मविश्वास और फैंस का चहेता. उनकी कंसिस्टेंसी, स्ट्राइक-रेट और टीम के प्रति वफादारी ने उन्हें IPL इतिहास के सबसे बड़े खिलाड़ियों की सूची में शामिल कर दिया.
सुरेश रैना की कहानी सिर्फ क्रिकेट के रिकॉर्ड तक सीमित नहीं है. वो मैदान पर ऊर्जा का दूसरा नाम थे—हमेशा मुस्कुराते हुए खेलना, टीम के साथियों का मनोबल बढ़ाना और चाहे कितनी भी चुनौती हो, डर के बिना खेलना. उनकी विरासत आज भी युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करती है कि बड़े सपने देखो और जी-जान से उन्हें पूरा करो. सुरेश रैना भारतीय क्रिकेट के हमेशा चमकते सितारे रहेंगे एक ऐसे खिलाड़ी जिन्होंने न सिर्फ खेला, बल्कि क्रिकेट को जिया.
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